Add To collaction

द गर्ल इन रूम 105

घर के दो बेडरूम में से एक को किड्स रूम की तरह इस्तेमाल किया जाता था। इसमें दो क्रिन्त और क्लोसेट्स थे। हमने बाक़ायदा क्लोसेट्स चेक किए। उनमें से एक में कपड़े थे, दूसरे में स्टील के बक्सों में खिलौने

रखे गए थे। सौरभ ने उनमें से एक को बाहर निकाला। 'बहुत भारी है, उसने कहा ।

'इसके अंदर क्या है?' मैंने कहा। सौरभ ने अंदर झांककर देखा और कहा, 'टूटी टांग वाला स्पाइडरमैन और मूंछों वाला सुपरमैन। ये सबूत के

रूप में कैसे रहेंगे?"

'चलो, मास्टर बेडरूम देखते हैं, ' मैंने कहा।

"यह तो लॉक्ड है, 'मैंने कहा। मैं फ़ैज़ के बड़े से बेडरूम की अलमारी के पास खड़ा था।

'जैसे कि हमने इससे पहले कोई ताले तोड़े ही नहीं हैं,' सौरभ ने कहा और अपने बैकपैक से फ़्लैट हेड स्क्रू- ड्राइवर निकाल लिया। उसने उसे अलमारी के दरवाज़ों के बीच फंसा दिया। फिर उसने कुछ मर्तबा

घुमाया और यह लीजिए, दरवाजे खुल गए।

'तुम तो इस सबमें माहिर होते जा रहे हो, ' मैंने कहा।

ज़ोर से उसे

"कैरियर का एक और ऑप्शन शायद मुझे लिंक्डइन पर अपनी इस स्किल को मेंशन करना चाहिए।" मैं फ़ैज़ की अलमारी खोलने आगे बढ़ा ही था कि मुझे एक आवाज़ सुनाई दी।

"टिंग...' दरवाजे की घंटी बज रही थी। हम दोनों यह सुनकर उछल ही पड़े। हमने समय देखा। साढ़े आठ बजे रहे थे।

"यह कौन है?" सौरभ ने कहा। "मुझे कैसे मालूम?"

'हम तो गए काम से।" घंटी फिर से बजी।

'चलो, देखते हैं कौन है, 'मैंने कहा।

हम दबे पांव बेडरूम से बाहर निकले और बैठक में चले आए। हम मुख्य दरवाज़े की और बढ़ रहे थे। सौरभ मेरे दो कदम पीछे चल रहा था।

घंटी फिर बजी।

'भाई, सौरभ ने डर के मारे कहा।

..' मैंने चुप होने को कहा और की-होल से बाहर देखने लगा। ST... एक मिनट बाद दरवाजे पर खड़ा व्यक्ति चला गया।

"वह दूसरे घर में जा रहा है, मैंने कहा। उस व्यक्ति ने अब दूसरे घर की घंटी बजाई। "वह उन्हें क्या बताएगा?' सौरभ ने कहा।

पास वाले घर का दरवाजा खुला। वहां पर एक मेड कपड़ों का बंडल लिए खड़ी थी। उसने वो बंडल उस

व्यक्ति को दे दिया। वह उसे लेकर वहां से चला गया। मैंने की-होल से सिर उठाया और सीधा खड़ा हो गया। 'बो धोबी था । इस्तरी के लिए कपड़े लेने आया था, मैंने मुस्कराते हुए कहा, 'चलो, बेडरूम में चलते हैं।' अब मैं सीधा फ़ैज़ की अलमारी की ओर बढ़ा और उसे खोल दिया। उसके एक तरफ उसकी बीवी के कपड़े रखे थे। मैंने उनमें खोजबीन की, लेकिन कुछ मिला नहीं। दूसरी तरफ़ फ़ैज़ की आर्मी यूनिफॉर्म्स और सिविलियन

कपड़े रखे थे। सबसे नीचे की शेल्फ़ों में कई जोड़ी भारी काले बूट रखे थे। मैंने सारे जूते बाहर निकालकर बेडरूम के फर्श पर रख दिए।

'क्या कर रहे हो?'

"सबसे नीचे की शेल्फ़ चेक कर रहा हूं, मैंने कहा। जहां जूते रखे थे, उनके पीछे मुझे एक स्पोर्ट्स बैग मिला। मैंने उसे बाहर निकाल लिया। उसमें दो दर्जन

टेनिस बॉल्स रखी थीं। मैंने अपना हाथ बैग में घुमाया। मुझे कुछ ठंडा और चौकोर महसूस हुआ। मैंने उसे बाहर

174

   0
0 Comments